पानी “गीला” इसलिए होता है क्योंकि यह एक तरल पदार्थ (liquid) है और इसमें एक ख़ास गुण होता है जिसे “आधारभूत चिपचिपाहट” (adhesive property) कहा जाता है। यह गुण पानी के अणुओं (molecules) को दूसरी सतहों के साथ जुड़ने की क्षमता देता है।
विज्ञानिक कारण:
1. हाइड्रोजन बॉन्डिंग (Hydrogen Bonding):
पानी के अणु हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिलकर बने होते हैं। इनमें हाइड्रोजन बॉन्डिंग के कारण अणु एक-दूसरे और अन्य सतहों से चिपकते हैं।
• जब पानी किसी सतह (जैसे कपड़ा, मिट्टी, या लकड़ी) पर गिरता है, तो यह सतह के साथ चिपक जाता है। इसी कारण वह सतह गीली हो जाती है।
2. आसंजन (Adhesion):
पानी के अणु अन्य पदार्थों के अणुओं के साथ आकर्षण (adhesion) पैदा करते हैं।
• यही कारण है कि पानी कांच, दीवार, या कपड़े पर फैल जाता है और उन्हें गीला कर देता है।
3. पृष्ठ तनाव (Surface Tension):
पानी का पृष्ठ तनाव इसकी सतह को फैलाने और गीला करने की क्षमता देता है।
गीलापन महसूस क्यों होता है?
• जब पानी त्वचा या किसी सतह पर आता है, तो यह सतह के संपर्क में आने पर गर्मी का आदान-प्रदान करता है और त्वचा पर एक हल्की ठंडक का अनुभव होता है।
• पानी त्वचा के छिद्रों में प्रवेश करता है, जिससे हमें “गीलापन” महसूस होता है।
हर चीज़ गीली क्यों नहीं होती?
कुछ सतहें जैसे तेल, प्लास्टिक, या वैक्स (मोम) पानी को गीला नहीं होने देतीं क्योंकि उनकी सतह पर पानी के अणु नहीं चिपकते। इसे “हाइड्रोफोबिक” (Hydrophobic) सतह कहते हैं।